फरिश्तों की दुआ


लाजिम तो नहीं कि जुबां इज़हार करे

कुछ जज्बों को अहसास भी हवा देते हैं

खामोश मोहबत भी इबादत होती है

ऐसी मोहबत को फ़रिश्ते भी दुआ देते हैं

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