जब भी कोई सपना टूटा

जब भी कोई सपना टूटा

मेरी आँख वहाँ बरसी है

तड़्पा हूँ मैं, जब भी कोई

मछली पानी को तरसी है


गीत दर्द का पहला बेटा

दुःख है उसका खेल खिलौना


कविता मेरी, तब मीरा होगी

जब हंस कर जहर पिया जायेगा

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