उन्हीं फ़क़ीरों ने इतिहास बनाया है यहाँ...

दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था
तुम्हारे घर का सफ़र इस क़दर सख्त न था







इतने मसरूफ़ थे हम जाने के तैयारी में,


खड़े थे तुम और तुम्हें देखने का वक्त न था







मैं जिस की खोज में ख़ुद खो गया था मेले में,


कहीं वो मेरा ही एहसास तो कमबख्त न था








उन्हीं फ़क़ीरों ने इतिहास बनाया है यहाँ,


जिन पे इतिहास को लिखने के लिए वक्त न था











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