न जाने क्या था...

न जाने क्या था,

जों कहना था

आज मिल के तुझे




तुझे मिला था

मगर, जाने क्या कहा मैंने


वो एक बात जो सोची थी तुझसे कह दूँगा

तुझे मिला तो लगा, वो भी कह चुका हूँ कभी




जाने क्या, ना जाने क्या था

जो कहना था आज मिल के तुझे



कुछ ऐसी बातें जो तुझसे कही नहीं हैं

मगर कुछ ऐसा लगता है तुझसे कभी कही होंगी




तेरे ख़याल से ग़ाफ़िल नहीं हूँ तेरी क़सम

तेरे ख़यालों में कुछ भूल-भूल जाता हूँ



जाने क्या, ना जाने क्या था जो कहना था

आज मिल के तुझे जाने क्या...



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